प्रकाशित वाक्य- अध्याय २ और ३

प्रभू की स्तुति हो और उद्धारकर्ता यीशु मसीह का अनुग्रह और शांति आप पर बनी रहे आमेन । आज का… Read More

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१ राजा- ११:१-१३

हमारे प्रभु यीशु मसीह की स्तुति हो। आज का वचन इस बात की चेतावनी का एक वचन है कि कैसे… Read More

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लूका- १५:११-३२

प्रभु की स्तुति हो!आज का वचन लूका अध्याय १५ की पुस्तक से है; वचन ११-३२ जो हमें उड़ाव पुत्र के… Read More

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मत्ती- २५:१४-३०

प्रभु की स्तुति हो!हम में से हर एक ने तोड़े के दृष्टांत के बारे में पढ़ा है और आज हम… Read More

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मरकुस-७:७-८

७ और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की आज्ञाओं को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं:८ क्योंकि तुम परमेश्वर… Read More

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निर्गमन- ३४:१-९ मुख्य वचन ८ -९

हमारा परमेश्वर जो दयावान और अनुग्रहकारी है, धीरजवन्त और भलाई और सत्य है उसकी स्तुति हो आमेन हर दिन जब… Read More

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यूहन्ना- ५:१९-३०

सारी स्तुति और महिमा हमारे उधारकर्ता प्रभु यीशु मसीह की है। आमेन आज का वचन उन सभी के लिए एक… Read More

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सभोपदेशक- १२:१३-१४

१३ सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन… Read More

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१ शमूएल३:१९

१ शमूएल३:१९ -और शमूएल बड़ा होता गया, और यहोवा उसके संग रहा, और उसने उसकी कोई भी बात निष्फल होने… Read More

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गिनती– ३२:८-१५

८ जब मैं ने तुम्हारे बापदादों को कादेशबर्ने से कनान देश देखने के लिये भेजा, तब उन्होंने भी ऐसा ही… Read More

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