जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पायेगा- भजन संहिता ९१ : १
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इस ब्लॉग में हम लोग भजन संहिता ९१ : १ को गहराई से जानेंगे |
वचन में लिखा है छाए हुए स्थान में और इंग्लिश बाइबिल में लिखा है सीक्रेट प्लेस यानि की गुप्त जगह |
हमारे जीवन में बहोत से शत्रु हमारे खिलाफ आ जाते है |
तब हम लोग सुरक्षित जगह की खोज करते है |
क्या आप जानते हो वह सुरक्षित जगह कहा पे है ? हमारा सच्चा घर कहा पे है ?
हम जान जाते है की वह जगह है जहा पे परमप्रधान निवास करता है |
हमारा परमेश्वर स्वर्ग में विराजमान है | क्या कोई गुप्त जगह स्वर्ग में है ?
जी हा है एक ऐसी जगह जिसे परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार की है |
इसिलिय वह इतनी गुप्त जगह है की कोई उस जगह का भेद नहीं जान सकता | और इसी लिए हम लोग सुरक्षित है |
वह कैसी जगह है ? वह बहोत हे बड़ी और शांत जगह है | में वह पे प्रेम और शांति का अनुभव करता हु |
स्वर्गीय पिता का घर
हमारे स्वर्गीय पिता के घर में बहोत से कमरे है, लेकिन यह जगह बहोत हे खास जगह है |
यह जगह अंदर से और बाहर से सुरक्षित की गयी है |
यह जगह एक किले के जैसी है, जो की स्वर्गीय सेना से सुरक्षित की गयी है |
संकट के समय में मुझे सुरक्षित रखने की लिए यह जगह मेरे लिए बनायीं गयी है |
यह जगह इतनी ऊँची है की में स्वर्ग के निचे सारी चीज़ो को देख सकता हु |
मेरे शत्रु कभी सोच भी नहीं सकते वह पे चढ़कर आने के लिए |
क्या एक चिटी एक नारियल के पेड़ के ऊपर देख सकती है ?
हम लोग पिता परमेश्वर के साथ उस नारियल के पेड़ के ऊपर बैठे है, और हमारा शत्रु जो की एक चिटी के समान है वो सोच भी नहीं सकता हम तक पहुंचने के विषय में |
प्रभु का धन्यवाद हो, हमारा स्वर्गीय पिता हमे अपने हाथो में थामे रहता है |
वह हमे अपनी बाहो में ले लेता है |
हम लोग उस के ह्रदय के धड़कनो को महसूस कर सकते है |
जब में अपने शत्रुओंको देखता हु तब में अपने आप को आशीषित महसूस करता हु, क्यूंकि मेरे शत्रु मेरे पैरो के निचे है |
हमारा परमेश्वर बहोत हे सामर्थ्यशाली है | हम लोग उस के साथ है और वह हमारे साथ है |
यीशु मसीह हमारा सुरक्षित गढ़ है और हमारी ढाल है | परमेश्वर हमसे प्रेम करता है |
प्रार्थना भजन संहिता ९१ :१
स्वर्गीय पिता हम आप का धन्यवाद करते है की आप ने हमे संभाले रखा है | हम अपने आप को बहोत हे धन्य मानते है की आप ने हमारे लिए एक ऐसी जगह तैयार की है जो की बहोत हे ज्यादा गुप्त है | में इस जगह से बहोत आशीषित हुआ हु | हम जानते है की आप हमारे शरणस्थान और गढ़ है | हमे बुद्धि देना की जब कभी हम कठिन परिस्थिति में हो तब हम लोग अपनी सुरक्षित जगह पे जा सके |
हम आप का धन्यवाद करते है | यीशु के नाम से प्रार्थना करते है – आमेन
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