यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भी भरोसा रखने से उत्तम है: भजन संहिता ११८: ८
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भजन संहिता ११८ के लेखक के विषय में कोई जानकारी नही है लेकिन हम लोग यह देख सकते है की यह दाऊद राजा है।
यहोवा के शरण लेनी :
दाऊद राजा को यह विश्वास हो गया था की यहोवा की शरण लेना ही उत्तम बात है।
क्यूंकि उसने बहोत अनुभव से यह बात मालूम की थी।
यहोवा परमेश्वर भला है और जो उसकी शरण में आता है वह कभी भी मायूस नहीं होता है।
जब हम परमेश्वर की शरण में आते है तब हम अपना पूरा अधिकार और अपना सर्वस्व उसके हाथ में सौप देते है।
कोई व्यक्ति शरण में कब आता है ? जब उसे यह विश्वास हो जाता है की अब उसके पास और कोई विकल्प नही बचा है।
लेकिन हमे देर नही करनी है और यहोवा परमेश्वर की शरण में आ जाना है।
मनुष्य पर भी भरोसा रखने से उत्तम है: यह सबसे महत्वपूर्ण भजन संहिता 118:8 में विशेषता है?
क्यूँ यह उत्त्तम बात है की प्रधानों से भी ज्यादा यहोवा परमेश्वर पर भरोसा रखना उत्तम है ?
क्यूंकि मनुष्य धोका दे सकता है लेकिन परमेश्वर कभी भी धोखा नही देगा। परमेश्वर पर भरोसा रखना बुद्धि की बात है।
जब हम परमेश्वर पर भरोसा रखते है तब हम सुरक्षित रहते है।
परमेश्वर हमे सही मार्गदर्शन करते है और वह हमे ऊँचा उठाते है।
परमेश्वर के वचन कभी व्यर्थ नही जाते। परमेश्वर पर भरोसा कर के हमे उत्तम परिणाम मिलता है।
आज हमारे पास चुनाव है की हम लोग किस पर भरोसा रख सकते है। और सही निर्णय यह है की हमे यहोवा परमेश्वर पर भरोसा रखना है।
प्रार्थना :
स्वर्गीय पिता में आपका धन्यवाद देता हु की आपने इतना सुन्दर सा वचन हमे दिया। हम लोगो को बुद्धि देना की हम लोग आप पर भरोसा रख सके नाकी किसी मनुष्य के ऊपर। हमारी रक्षा करना और हमे सुरक्षित रखना। यीशु मसीह के नाम से प्रार्थना करते है। आमेन।
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