अनुक्रम
Bhajan Sanhita 91
जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पायेगा
भजन संहिता – ९१ : १
में यहोवा के विषय कहूंगा, की वह मेरा शरणस्थान और गड है; वह मेरा परमेश्वर है में उसपर भरोसा रखूँगा।
भजन संहिता – ९१ : २
वह तो तुझे बहेलिये के जाल से , और महामारी से बचाएगा
भजन संहिता – ९१ : ३
वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा , और तू उसके परो के नीचे शरण पाएगा ; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।
भजन संहिता – ९१ : ४
तू न रात के भय से डरेगा , और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है।
भजन संहिता – ९१ : ५
न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है , और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।
भजन संहिता – ९१ : ६
तेरे निकट हजार , और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे परन्तु वह तेरे पास न आएगा।
भजन संहिता – ९१ : ७
परन्तु तू अपनी आँखों से दॄष्टि करेगा और दुष्टो के अंत को देखेगा।
भजन संहिता – ९१ : ८
हे यहोवा , तू मेरा शरणस्थान ठहेरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है ,
भजन संहिता – ९१ : ९
इसलिए कोई विपत्ति तुझपर न पड़ेगी , न कोई दुःख तेरे डेरे के निकट आएगा।
भजन संहिता – ९१ :१०
क्योंकि वह अपने दूतो को तेरे निमित्त आज्ञा देगा , की जहा कई तू जाए वे तेरी रक्षा करें।
भजन संहिता – ९१ : ११
वे तुझको हाथो हाथ उठा लेंगे , ऐसा न हो की तेरे पावो में पत्थर से ठेस लगे।
भजन संहिता – ९१ : १२
तू सिंह और नाग को कुचलेगा , तू जवान सिंह और अजगर को लताडेगा।
भजन संहिता – ९१ : १३
उसने जो मुझसे स्नेह किया है , इसलिए में उसको छुड़ाऊंगा , में उसको ऊँचे स्थान पर रखूँगा , क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है।
भजन संहिता – ९१ : १४
जब वह मुझ को पुकारे , तब में उसकी सुनुँगा संकट में मैं उसके संग रहूँगा , में उसको बचाकर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
भजन संहिता – ९१ : १५
में उसको दीर्घायु से तृप्त करूँगा, और अपने किये हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा
भजन संहिता – ९१ :१६
He that dwells in the secret place of the Most High shall abide under the shadow of the Almighty.
Psalm – 91 : 1
I will say of the Lord, He is my refuge and my fortress: my God; in him will I trust.
Psalm – 91 : 2
Surely He shall deliver you from the snare of the fowler, and from the deadly pestilence.
Psalm – 91 : 3
He shall cover you with His feathers, and under His wings shall you trust: His truth shall be your shield and buckler.
Psalm – 91 : 4
You shall not be afraid for the terror by night; nor for the arrow that flies by day;
Psalm – 91 : 5
Nor for the pestilence that walks in darkness; nor for the destruction that wastes at noonday;
Psalm – 91 : 6
A thousand shall fall at your side, and ten thousand at your right hand; but it shall not come near you.
Psalm – 91 : 7
Only with your eyes shall you behold and see the reward of the wicked.
Psalm – 91 : 8
Because you have made the Lord, who is my refuge, even the most High, your Habitation;
Psalm – 91 : 9
There shall no evil befall you, neither shall any plague come near your dwelling.
Psalm – 91:10
For He shall give His angels charge over you, to keep you in all your ways.
Psalm – 91:11
They shall bear you up in their hands, lest you dash your foot against a stone.
Psalm – 91:12
You shall tread upon the lion and adder: the young lion and the serpent shall you trample under feet.
Psalm – 91:13
Because he has set his Love upon me, therefore will I deliver him: I will set him on high, because he has known my name.
Psalm – 91:14
He shall call upon me, and I will answer him: I will be with him in trouble; I will deliver him, and honor him.
Psalm – 91:15
With long life will I satisfy him, and show him my salvation.
Psalm – 91:16
Bhajan Sanhita 91
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