यूहन्ना- ५:३०

मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है;… Read More

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नीतिवचन- १३:६-७

६ धर्म खरी चाल चलने वाले की रक्षा करता है, परन्तु पापी अपनी दुष्टता के कारण उलट जाता है:७ कोई… Read More

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भजन संहिता- १३९:१२

भजन संहिता- १३९:१२तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और… Read More

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व्यवस्थाविवरण- ५:२९

व्यवस्थाविवरण- ५:२९ भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब… Read More

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मत्ती- ५:१६

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग… Read More

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व्यवस्थाविवरण-३३:२५-२९

२५ तेरे जूते लोहे और पीतल के होंगे, और जैसे तेरे दिन वैसी ही तेरी शक्ति हो: २६ हे यशूरून,… Read More

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१ कुरिन्थियों-५:७-८

७ - पुराना खमीर निकाल कर, अपने आप को शुद्ध करो:कि नया गूंधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अखमीरी… Read More

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भजन संहिता ११९:६६

मुझे भली विवेक- शक्ति और ज्ञान दे, क्योंकि मैं ने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है: प्रभु की स्तुति हो!यह… Read More

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नीतिवचन- ६:१६-१९

नीतिवचन-६:१६ वस्तुओं से यहोवा बैर रखता है, वरन सात हैं जिन से उस को घृणा है १७ अर्थात घमण्ड से… Read More

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मत्ती- ७:६

मत्ती-७:६ -पवित्र वस्तु कुत्तों को न दो, और अपने मोती सूअरों के आगे मत डालो; ऐसा न हो कि वे… Read More

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